बुलेटिन इंडिया, संवाददाता।
बोकारो। जिले में निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) चास सुश्री प्रांजल ढ़ांडा ने मंगलवार को समाहरणालय सभागार में जिले के अभिभावक संघ एवं निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) जगरनाथ लोहरा, जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) अतुल चौबे सहित विभिन्न मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अभिभावकों की शिकायतों पर हुई चर्चा
बैठक के दौरान एसडीओ ने अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों से विभिन्न स्कूलों से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कई मामलों में स्कूल प्रबंधन से जवाब भी लिया। एसडीओ ने अभिभावकों को अपनी शिकायतें लिखित रूप में जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि समिति सभी शिकायतों पर स्कूल प्रबंधन का पक्ष लेगी और जांच के बाद डीईओ व डीएसई को प्रतिवेदन सौंपेगी। नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फीस वृद्धि के लिए गठित होगी समिति
बैठक में स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के मामले पर भी चर्चा हुई। निर्देश दिया गया कि फीस वृद्धि से पहले राज्य सरकार के नियमों के अनुसार नौ सदस्यीय समिति (स्कूल प्रबंधन, अभिभावक आदि) गठित की जाए। फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव इसी समिति के समक्ष रखा जाएगा और समिति की सहमति के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा।
स्कूलों को पुस्तकों की सूची वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश
एसडीओ ने सभी निजी विद्यालयों को निर्देश दिया कि वे अपनी पाठ्यपुस्तकों और उनके प्रकाशकों की सूची विद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करें। इसके अलावा, स्कूल प्रबंधन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनकी किताबें केवल एक दुकान से न बिकें, बल्कि शहर के कम से कम 10-15 दुकानों में उपलब्ध हों।

ड्रेस बदलने और फाइन लगाने पर रोक
बैठक में स्कूलों द्वारा हर साल नई ड्रेस अनिवार्य करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। एसडीओ ने स्पष्ट निर्देश दिया कि स्कूल प्रबंधन छात्रों को हर वर्ष नया ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। साथ ही, यदि कोई छात्र अवकाश पर रहता है तो उस पर फाइन लगाने की प्रथा को भी तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्देश दिया गया।
पीटीएम अनिवार्य रूप से आयोजित करने का आदेश
एसडीओ ने निर्देश दिया कि प्रत्येक विद्यालय में प्रत्येक माह अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। इसमें अभिभावकों की शिकायतों को सुना जाए और उनका समाधान किया जाए। इसके अलावा, स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया गया कि वे विद्यालयों का संचालन व्यावसायिक उद्देश्य से न करें और विद्यालय परिसर के बाहर फ्लैक्स व होर्डिंग के माध्यम से शिक्षक संपर्क नंबर सार्वजनिक करें, ताकि अभिभावक अपनी समस्याएं सीधे रख सकें।

बैठक में अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा हुई और स्कूल प्रबंधन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। एसडीओ, डीईओ और डीएसई ने स्पष्ट किया कि सभी स्कूलों को सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करना होगा, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।