- संवीक्षा में कुल 25 अभ्यर्थियों का नामांकन हुआ रद्द, कुल 51 नामांकन प्रपत्र वैद्य, जिसे स्वीकृत किया गया।
- बोकारो विधानसभा के लिए 15 प्रत्याशी मैदान में, श्वेता सिंह व विरंची नारायण में है टक्कर।
विधानसभा आम चुनाव, 2024 अंतर्गत बोकारो जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र (34 गोमिया, 35 बेरमो, 36 बोकारो तथा 37 चंदनकियारी) में कुल 76 अभ्यर्थियों ने नामांकन प्रपत्र दाखिल किया था। जिसमें 51 अभ्यर्थियों का नामांकन प्रपत्र वैद्य रहा, जिसे स्वीकृत किया गया तथा संवीक्षा के क्रम में 25 अभ्यर्थियों का नामांकन प्रपत्र रद्द किया गया।
Bulletin India. Bokaro.
36 बोकारो विधानसभा क्षेत्र के लिए कुल 26 अभ्यर्थियों ने नामांकन प्रपत्र दाखिल किया था। जिसमें बुधवार को संवीक्षा के क्रम में 11 अभ्यर्थियों का नामांकन प्रपत्र में त्रुटि को लेकर निर्वाची पदाधिकारी द्वारा रद्द किया गया। ऐसे में केवल 15 अभ्यर्थी का नामांकन प्रपत्र वैद्य रहा, जिसे स्वीकृत किया गया।
बोकारो विधानसभा के चुनावी दंगल में कांग्रेस प्रत्याशी श्वेता सिंह व भाजपा प्रत्याशी विरंची नारायण आमने-सामने हैं। श्वेता सिंह की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। गठबंधन का साथ और पिछले पांच सालों की मेहनत श्वेता सिंह को अपनी जीत की ओर अग्रसर कर रही है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी विरंची नारायण पर उनके पार्टी के लोग हीं उंगली उठा रहे हैं। जो उनके जीत पर रोड़ा बन सकते हैं।
श्वेता सिंह को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। जनता भी समझ चुकी है कि बोकारो विधानसभा का विकास श्वेता सिंह हीं कर सकेगी। जनता ने विरंची नारायण पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने केवल अपना विकास किया है और अपनी झोली भरने का काम किया है।
विधायक बनने से पहले विरंची नारायण की संपत्ति तथा विधायक रहते हुए 10 साल के कार्यकाल के पश्चात आंकड़ों के मुताबिक लगभग 250 गुणा बढ़ा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विरंची नारायण ने जनता का विकास ना करके अपना विकास किया है।
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